Tuesday, April 9, 2024

The Ailing Planet : The Green Movement’s Role Class 11 Hindi Explanation

 

The Ailing Planet : The Green Movement’s Role Class 11 Hindi Explanation – Para-1



One cannot………………………preserved.

याद नहीं आता कि विश्व इतिहास में किसी भी अन्य आन्दोलन ने मानव-जाति की कल्पना शक्ति को इतनी तीव्रता से व पूर्णत: जकड़ लिया हो जितना कि हरियाली आन्दोलन ने, जो लगभग पच्चीस वर्ष पहले शुरू हुआ था। 1972 में संसार की पहली राष्ट्रव्यापी हरियाली पार्टी की स्थापना न्यूजीलैण्ड में हुई थी। उसके बाद आन्दोलन ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
हम आशा करते हैं कि हमने संसार के प्रति अपना दृष्टिकोण सदैव के लिए यांत्रिकी से हटाकर सार्विक व पर्यावरणीय बना लिया है। मानव के ज्ञान में यह बात इतनी ही क्रांतिकारी है, जितनी कि कॉपरनिक्स ने 16वीं शताब्दी में प्रस्तुत की थी, जिसने हमें समझाया था कि पृथ्वी तथा अन्य ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं। मानव इतिहास में पहली बार विश्वव्यापी चेतना बढ़ रही है कि पृथ्वी स्वयं जीती-जागती अवयवी संघटना है- एक विशाल प्राणी जिसके हम सब अंग हैं। इसकी शारीरिक पोषण की अपनी आवश्यकताएँ है, व जीवन सम्बन्धी क्रियाएँ हैं, जिनका आदर करना तथा उन्हें सुरक्षित रखना आवश्यक है।

The Ailing Planet : The Green Movement’s Role Class 11 Hindi Explanation – Para-2



The earth’s………………………would need.

पृथ्वी के जीवन लक्षण दर्शाते हैं कि रोगी का स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है। हमने इस ग्रह के अच्छे प्रबंधक बनने व भावी पीढ़ियों की धरोहर के उत्तरदायी निवासी होने के अपने नैतिक कर्तव्यों को समझना शुरू कर दिया।
स्थायी रखने योग्य विकास का विचार विश्व पर्यावरण तथा विकास आयोग ने 1987 में लोकप्रिय बनाया था। अपनी रिपोर्ट में उसने इस विचार की परिभाषा इस प्रकार की थी “ऐसा विकास जो भावी पीढ़ियों की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की क्षमता को जोखिम में डाले बिना, आज की आवश्यकताओं को पूरा करता है।” अर्थात्‌ प्राकृतिक विश्व को उन स्त्रोतों से वंचित किए बिना जिनकी भावी पीढ़ियों को आवश्यकता होगी।

The Ailing Planet : The Green Movement’s Role Class 11 Hindi Explanation – Para-3



In the………………………environment?”

जाम्बिया के लुसाका चिड़ियाघर में एक पिंजरा है जहाँ लिखा है, “विश्व का सर्वाधिक खतरनाक पशु।” पिंजरे में कोई पशु नहीं है, केवल एक दर्पण है जिसमें आप स्वयं को देखते हैं। विभिन्‍न देशों में अनेक अभिकरणों की कृपा से विश्व के इस सर्वाधिक खतरनाक पशु में अब नई चेतना उजागर हो गई है। वह समझ गया है कि बुद्धिमत्ता प्रभुत्व जमाने पर आधारित प्रणाली से हटकर भागीदारी पर आधारित प्रणाली अपनाने में है।



वैज्ञानिकों ने लगभग 4 लाख जीवित प्रजातियों की सूची तैयार की है जिनके साथ मनुष्य इस पृथ्वी को भोग रहा है। उन सूचित पशुओं की संख्या के अनुमानों में भारी विषमता है। जीवशास्त्रियों के अनुमान में तीस लाख से एक अरब तक ऐसी प्रजातियाँ हैं जो अपयशि के अंधेरे में तड़प रही हैं।
ब्रेन्ट आयोग, जिसमें प्रसिद्ध भारतीय मि० एल० के० झा भी सदस्य थे, उन प्रारम्भिक आयोगों में से था, जिसने अन्य बातों के अतिरिक्त इकॉलोजी व पर्यावरण के प्रश्नों पर विचार किया। पहली ब्रेन्ट रिपोर्ट में यह प्रश्न उठाया गया- “क्या हम अपने उत्तराधिकारियों के लिए बढ़ते हुए मरुस्थल, घटिया क्षेत्र, तथा रोगी पर्यावरण वाला जला-भुना मुँह छोड़कर जाएँगे?”

The Ailing Planet : The Green Movement’s Role Class 11 Hindi Explanation – Para-4



Mr Lester………………………destruction.

अपनी विचारशील पुस्तक ‘दि ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट’ में मि० लेस्टर आर० ब्राउन ने पृथ्वी की चार मुख्य जैव प्रणालियों की ओर ध्यान दिलाया है- मछली पकड़ना, वन, घास के मैदान तथा फसल की धरती- तथा ये विश्वव्यापी अर्थव्यवस्था के आधार है। हमारे भोजन के अतिरिक्त ये चारों प्रणालियाँ हमारे उद्योगों के लिए लगभग सभी पदार्थों की पूर्ति करती हैं, सिवाय खनिजों के व पेट्रोल से बने कृत्रिम पदार्थों के संसार के बड़े भागों में मनुष्य के इन प्रणालियों पर नियन्त्रण के कारण में प्रणालियाँ स्थायी रहने योग्य नहीं रही। ऐसे बिन्दु पर जहाँ उनकी पैदावार क्षीण हो रही है। जब ऐसा होता है तो मछली उद्योग समाप्त हो जाता है, वन लुप्त हो जाते हैं, घास के मैदान बंजर भूमि में बदल जाते हैं व फसलों की जमीन क्षीण हो जाती है। प्रोटीन-सचेत व प्रोटीन-हीन संसार में उचित मात्रा में अधिक मछलियाँ पकड़ना प्रतिदिन सामान्य होता जा रहा है। निर्धन देशों में भोजन पकाने के लिए ईंधन प्राप्त करने के लिए वनों का विनाश हो रहा है। कुछ स्थानों पर ईंधन इतना महँगा हो गया है कि भोजन से अधिक खर्च भोजन पकाने के ईंधन पर होता है। डॉ० मेयर्स के शब्दों में, क्योंकि उष्ण कटिबंधीय वन क्रमिक विकास के शक्ति स्त्रोत है, उनके नष्ट होने से कई प्रजातियाँ लुप्त होने से जूझ रही हैं।

The Ailing Planet : The Green Movement’s Role Class 11 Hindi Explanation – Para-5



It has………………………a second”.

सच कहा गया है कि मनुष्य के आने से पहले जंगल होते हैं व उसके जाने के बाद वे मरुस्थल बन चुके होते हैं। उष्ण कटिबंधीय वनों की हमारी पैतृक सम्पदा चार-पाँच करोड़ एकड़ हर वर्ष की दर से घट रही है, तथा गोबर को जलाने में काम लाने का बढ़ता उपयोग पृथ्वी को उसकी प्राकृतिक खाद से वंचित कर रहा है। विश्व बैंक के अनुसार वर्ष 2000 तक ईंधन की अपेक्षित आवश्यकता को पूरा करने के लिए पाँच गुना वृक्ष लगाना आवश्यक है।
विश्व स्त्रोत संस्थान के अध्यक्ष जेम्स स्पेथ ने एक दिन कहा था कि, “हम एक एकड़ वन प्रति सेकेण्ड खो रहे हैं, लेकिन यह तो डेढ़ एकड़ प्रति सेकेण्ड के आस पास है।”

The Ailing Planet : The Green Movement’s Role Class 11 Hindi Explanation – Para-6



Article 48A………………………statistics.

भारत के संविधान के अनुच्छेद 48A में कहा गया है कि सरकार पर्यावरण की रक्षा और सुधारने का प्रयास करेगी, व देश के वनों और वन्य पशुओं को बचाएगी। लेकिन बहुत दुःख की बात है कि भारत में कानून का न तो आदर होता है और न ही उन्हें लागू किया जाता है। उदाहरण के लिए; संविधान कहता है कि जातिवाद, अस्पृश्यता व बंधुआ मजदूरी समाप्त किए जाएँगे, किन्तु संविधान के लागू होने के चवालिस वर्ष बाद भी वे लज्जाजनक तरीके से फल-फूल रहे हैं। संसद की एक अनुमान कमेटी की एक हाल की रिपोर्ट में पिछले 40 वर्षों में देश के जंगलों की विध्वंस तरीके से क्षति होने की बात को उजागर किया गया है। विश्वसनीय आंकड़ों के अनुसार भारत में 37 लाख एकड़ वन हर वर्ष समाप्त हो रहे हैं। बड़े-बड़े क्षेत्र जिन्हें सरकारी रूप से जंगल बताया गया है वे लगभग वृक्षह्ीन है। वास्तविक हास की दर सरकारी आँकड़ों में बताई गई दर से आठ गुना अधिक है।

The Ailing Planet : The Green Movement’s Role Class 11 Hindi Explanation – Para-7



A three-year………………………continues.

उपग्रहों व वायुयानों से संयुक्त राष्ट्र द्वारा लिए गए फोटो से पता चलता हैं कि पर्यावरण इतना बिगड़ चुका है कि जिन 88 देशों की छानबीन की गई, उनमें से अनेक की स्थिति अति गम्भीर है।
इसमें कोई सन्देह नहीं हो सकता है कि संसार की बढ़ती जनसंख्या, मानव समाज का भविष्य बिगाड़ने वाला एक बड़ा कारण है। एक अरब की संख्या पहुँचने में दस लाख वर्ष लगे। इतनी जनसंख्या वर्ष 1800 के आस-पास थी। 1900 के अन्त तक एक अरब और बढ़ गई। और बीसवीं शताब्दी ने उसमें 3.7 अरब और बढ़ा दी। विश्व की वर्तमान जनसंख्या का अनुमान 5.7 अरब लगाया गया है। प्रति चार दिन में जनसंख्या दस लाख बढ़ जाती है।
आय बढ़ने के साथ प्रजनन शक्ति कम होती है, शिक्षा फैलती है व स्वास्थ्य अच्छा होता है। इसलिए विकास ही सर्वोत्तम गर्भनिरोधक है। लेकिन जब तक वर्तमान वृद्धि होती रहेगी, तब तक विकास सम्भव नहीं हो सकता है।

The Ailing Planet : The Green Movement’s Role Class 11 Hindi Explanation – Para-8



The rich………………………of parts.

धनी लोग और धनी बनते हैं, व निर्धन लोग बच्चे पैदा करते हैं जो सदैव निर्धनता के नर्क में रहते हैं। अधिक बच्चों का अर्थ अधिक कार्यकर्त्ताओं से नहीं है, केवल अधिक बेकार लोग से है। ऐसा कोई सुझाव नहीं है कि मनुष्यों को पशु की तरह बन्ध्यकित किया जाए। किन्तु बिना जबरदस्ती किए अपनी इच्छा से परिवार नियोजन अपनाने का कोई अन्य विकल्प नहीं है। वास्तव में चयन जनसंख्या नियन्त्रण व लगातार निर्धनता के बीच में है।
भारत की जनसंख्या का अनुमान 92 करोड़ लगाया जाता है, जो अफ्रीका तथा दक्षिण अमेरिका को मिलाकर कुल जनसंख्या से अधिक है। जिसे भारत की परिस्थितियों की जानकारी है, उसमें कोई सन्देह नहीं कि जब तक जनसंख्या नियन्त्रण को प्राथमिकता नहीं दी जाती, तब तक भूखी झोपड़-पटि्‌टियों में आशा नहीं पनप सकती है।



मानव इतिहास में प्रथम बार हम बढ़ती हुई चिन्ता को देख रहे हैं न केवल लोगों के जिन्दा रहने की, बल्कि ग्रह के जिन्दा रहने के विषय में। हमने अपने जीवन को सम्पूर्ण जीवों के दृष्टिकोण से देखना शुरू कर दिया है। पर्यावरण की समस्या आवश्यक रूप से हमारी मृत्यु का संकेत नहीं बल्कि हमारे भविष्य का प्रवेश-पत्र है। नए विश्व के उभरते दृष्टिकोण ने उत्तरदायित्व का युग शुरू कर दिया है। यह सम्पूर्णता का दृष्टिकोण है, पर्यावरण का दृष्टिकोण है, संसार को अखण्ड रूप में देखना न कि बिना मेल वाले अलग-अलग भागों के समूह के रूप में देखने का दृष्टिकोण है।

The Ailing Planet : The Green Movement’s Role Class 11 Hindi Explanation – Para-9



Industry has………………………children”.

जिम्मेदारी के इस नए युग में उद्योग की अति महत्त्वपूर्ण भूमिका है। कैसी कायापलट हो जाएगी यदि पोन्ट डू के चेयरमैन मि० एडगर एस० वूर्लड की तरह अन्य व्यापारी भी सोचे। उसने पाँच वर्ष पहले घोषणा की थी कि मैं कम्पनी का मुख्य पर्यावरण अधिकारी हूँ। उसने कहा, “मुख्य उत्पादन कर्त्ता के रूप में हमारा अस्तित्व बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण के प्रबन्धन में उत्तम कार्य करना जरूरी है।’”



अपने प्रधानमंत्री के समय में मार्गरेट थैचर ने जितने भी वक्तव्य दिए उनमें से कोई भी अंग्रेजी भाषा में इतना प्रचलित नहीं हुआ जितना कि उसके ये रोचक शब्द, “इस धरती पर किसी भी पीढ़ी को स्वामित्व का अधिकार नहीं है। हम सब अपने जीवन काल के लिए इस पर काश्तकार है व इसको पूर्णत: ठीक रखना इसका किराया है।” मि० लेस्टर ब्राउन के शब्दों में, “यह धरती हमने अपने पूर्वजों से उत्तराधिकार में प्राप्त नहीं की, हमने इसे अपने बच्चों से उधार लिया है।”

Discovering Tut The Saga Continues Class 11 Hindi Explanation

 

Discovering Tut The Saga Continues Class 11 Hindi Explanation – Para-1

He was………………………years ago.

जब उसकी मृत्यु हुई वह किशोर अवस्था में था। वह उस शक्तिशाली परिवार का अन्तिम उत्तराधिकारी था जिसने मिस्र तथा उसके साम्राज्य पर शताब्दियों तक राज किया था। उसे सोने से लाद कर दफना दिया था तथा अन्ततः उसे भुला दिया गया। 1922 में उसके मकबरे की खोज के बाद आधुनिक संसार ने इस विषय में अटकलें लगाई कि उसके साथ क्या हुआ होगा जिसमे अन्तिम सम्भावना उसका वध होने की थी। अब उसके मकबरे को 80 वर्षों में पहली बार छोड़ने से पहले, टुट का सी०टी० स्कैन हुआ जिसमें उसके जीवन तथा मृत्यु के विषय में नए सुराग मिले तथा ठीक जानकारी मिली जिससे इस बालक फेरों की वैज्ञानिक जाँच हो सकेगी।
अब राजा टूट को उसकी कब्र मिस्र के समाधि क्षेत्र से जिसे राजाओं की घाटी कहा जाता है, बाहर निकाला तो क्रुद्ध पवन ने भूतों जैसे धूत के शैतान खड़े कर दिए। काले तौन्द वाले बादल दिन भर तेजी से उड़ते रहे तथा अब तारों को सुरमई पटारी मे छुपाए हुए थे। 5 जनवरी 2005 को 6 बजे विश्व की सबसे प्रसिद्ध ममी सिर की ओर से सी०टी० स्कैनर में धीरे-धीरे अन्दर गई। इस स्कैनर को इस युवा शासक जिसकी मृत्यु 3300 वर्ष पूर्व हुई थी, से सम्बन्धित चिरकालिक रहस्यों की जाँच पड़ताल करने के लिए लाया गया था।

Discovering Tut The Saga Continues Class 11 Hindi Explanation – Para-2

All afternoon………………………and wine.

तीसरे पहर श्रद्धांजली देने के लिए विश्व भर से आए पर्यटकों की सामान्य कतार चट्टान से कटे तंग मकबरे में 26 फुट धरती में नीचे उतरती रही। वे कब्र के भित्तिचित्रों को देखते रहे तथा टुट के सोने के बने हुए चेहरे को देखते रहे जो ममी के नक्शों से आश्चर्यजनक तरीके से मिलता-जुलता था तथा ताबूत के बाह्य ढक्कन पर बना हुआ था। कुछ पर्यटक फुसफुसाते हुए गाइडों में पढ़ रहे थे। कुछ चुपचाप खड़े में शायद उसकी 18-19 वर्ष की अल्प आयु में मृत्यु के विषय मे चिन्तन कर रहे थे, या यह सोचकर कांप जाते थे कि क्या फेरो का शाप वास्तव में सत्य हो सकता है – अर्थात् उन लोगों की जो उसकी शान्ति भग करेंगे उनकी मृत्यु हो सकती है अथवा उन पर मुसीबत आ सकती है।
“जो कुछ कार्टर ने 1920 में किया उस कारण यह ममी खस्ता हालत में है,” मिस्र के पुरावस्तुओं को उच्चतम परिषद के महासचिव जाही हवास ने मृत शरीर पर बहुत देर तक देखने के बाद कहा।
‘कार्टर’ का अर्थ अंग्रेज पुरातत्व हावर्ड कार्टर से था जिसने वर्षों तक निष्फल प्रयास के बाद 1922 में टुट का मकबरा खोजा था। उसके अन्दर की सामग्री, यद्यपि पुरा वस्तुओं की खोज में जल्दबाजी में छान दी गई थी, फिर भी आश्चर्यजनक तरीके से पूर्ण थी। वे राजसी वस्तुओं का अभी तक मिले सबसे अधिक समृद्ध संग्रह है तथा फेरो की दंत कथाओं का अंग बन गए हैं। खोज के समय सोने के स्तम्भित करने वाली कलात्मक वस्तुओं ने उस समय सनसनी पैदा कर दी थी, और आज भी सबका ध्यान आकर्षित करती हैं। उन वस्तुओं की शशवत चमक पुनर्जीवन की गारन्टी देती थी, परन्तु टुट को दैनिक प्रयोग की वस्तुओं के साथ भी दफन किया गया था – वे वस्तुएं जिनकी उसे अगले जीवन मे आवश्यकता होगी- पट खेल, कांसे का उस्तरा, लिनन के अन्तः वस्त्र, भोजन तथा शराब की पेटियाँ।

Discovering Tut The Saga Continues Class 11 Hindi Explanation – Para-3

After………………………king’s remains.”

फेरों को दफन की सम्पत्ति को महीनों तक ध्यानपूर्वक लिपिबद्ध करने के बाद, कार्टर ने उसके तीन कवचों में रखे उसके ताबूत की जाँच करनी शुरू की। पहले को खोलने पर उसने एक कफन देखा जो विलो, जैतून के पत्तों, जंगली सेलरी, कमल की पंखुड़ियों तथा कार्न फूलों की मालाओं से सुसज्जित था- ये सूखे फूल पत्ते इस बात के प्रमाण थे कि अन्त्येष्टि मार्च अथवा अप्रैल में हुई थी। वह ममी तक तो अन्त मे पहुँच गया लेकिन वह मुश्किल में फस गया। अनुष्ठानः में प्रयोग की हुई किशमिश कठोर हो गई थी तथा टुट अपनी ठोस सोने की शवपेटी के तले में सीमेन्ट की तरह जम गया था।
“कोई भी उचित शक्ति उन्हें हिला नहीं सकी,” कार्टर ने बाद में लिखा। “क्या किया जाए?”
मिस्र के इस सुदूर दक्षिण भाग में सूर्य हथौड़े की तरह चोट कर सकता है, तथा कार्टर ने इसका प्रयोग किशमिशों को ढीला करने के लिए किया। उसने ममी को बाहर झुलसती हुई धूप में रखा जिसने उसे 149 डिग्री फारेनहाइट तक गर्म किया, कुछ नहीं हिला। बाद में उसने वैज्ञानिक निर्लप भाव के साथ लिखा कि राजा के अवशेष को उठाने से पहले पदार्थ को उसके अंगो तथा धड़ के नीचे से छेनी से काटना पड़ा था।

Discovering Tut The Saga Continues Class 11 Hindi Explanation – Para-4

In his………………………are missing.

कार्टर के बचाव में यह था कि वास्तव में उसके लिए कोई चारा नहीं था। यदि वह ममी को काटकर अलग नहीं करता तो चोर निश्चित रूप से सोना पाने के लिए सभी को तोड़-फोड़ कर अलग कर देते। टुट के समय राजवंश विस्मयकारी रूप में अमीर था। तथा वे सोचते थे, अथवा आशा करते थे, कि ये अपना धन साथ ले जा सकते हैं। राजा टुट की दूसरी दुनिया में यात्रा के लिए उसे खुले दिल में चमकदार वस्तुएं दिन – बहुमूल्य कालर, जाड़ाउ हार, दस्तबन्द, अंगूठियाँ, ताबीज़, अनुष्ठानिक चोगे, चप्पल, अंगुलियों के लिए अंगुस्ताने तथा उसके मूर्तिनुमा शवपेटिका तथा नकाब के लिए शुद्ध सोना। टुट को उसके आभूषणों से अलग करने के लिए कार्टर के आदमियों ने ममी का सिर तथा लगभग प्रत्येक मुख्य जोड़ को काटकर अलग कर दिया था। जब वे अपना काम पूरा कर चुके थे तो उन्होंने अवशेषों को लकड़ी के सन्दूक में रेत की परत पर फिर से जोड़ दिया तथा गद्दियों से टूट-फूट को ढका, अब टूट उसी बिस्तर पर आराम कर रहा है।
बीच के दशकों में पुरातत्व विज्ञान बहुत परिवर्तित हो गया है तथा ध्यान दौलत से हटकर जीवन के रोचक विवरण तथा मृत्यु की जिज्ञासापूर्ण रहस्यमय बातों पर केन्द्रित हो गया है। यह अधिक जटिल औजारों का प्रयोग करता है। जिसमें चिकित्सीय तकनीक भी शामिल है। कार्टर की खोज से 40 वर्ष बाद 1968 में एक शरीर रचना विज्ञान के प्रोफेसर ने ममी का एक्स-रे किया तथा एक आश्चर्यचकित कर देने वाला तथ्य का पता लगाया। उसको छाती पर कठोरता से जमी किशमिशों के नीचे, उसकी छाती की हड्डी और दो आगे को पसलियाँ गायब है।

Discovering Tut The Saga Continues Class 11 Hindi Explanation – Para-5

Today………………………are unclear.

आजकल नैदानिक चित्रण सी०टी० द्वारा हो सकता है जिसके द्वारा सैकड़ो एक्स-रे अनुप्रस्थ काट द्वारा रोटी के टुकड़ों की तरह एक साथ रखकर सही तीन विमिक शरीर की रचना हो सकती है। एक्स-रे से बढ़कर सी०टी० स्कैन टूट के विषय में क्या बताएगा? तथा क्या वह जवाब दे सकेगा उन दो बड़े प्रश्नों का जो अभी लटके हुए हैं, अर्थात् उसकी मृत्यु कैसे हुई तथा मृत्यु के समय उसकी आयु कितनी थी?
राजसी परिणाम के द्वारा भी राजा टूट की मृत्यु एक बड़ी घटना थी। वह अपने परिवार का अन्तिम सदस्य था तथा उसकी मृत्यु राज परिवार की मृत्यु थी। लेकिन उसकी मृत्यु कैसे हुई तथा उसका क्या परिणाम निकला, स्पष्ट नहीं है।

Discovering Tut The Saga Continues Class 11 Hindi Explanation – Para-6

Amenhotep III………………………unexpectedly.

अमेनहोटेप III, टुट के पिता अथवा दादा शक्तिशाली फेरो थे जिन्होंने 18वें राजवंश के सुनहरे युग की चरम सीमा पर लगभग चार दशक तक शासन किया। उनका बेटा अमेनहोटेप IV उनका उत्तराधिकारी बना तथा प्राचीन मिस्र के इतिहास में सबसे विचित्र युग की शुरुआत की। नए फेरो ने सूर्य चक्र की पूजा को उन्नत किया, अपना नाम बदलकर अकहेन्टन या एटन का सेवक रखा। तथा अपनी धार्मिक राजधानी थीबस के पुराने शहर से हटाकर अकहेन्टन के नए शहर में ले गया, जो अब अमरना कहा जाता है। उसने एक मुख्य देवता अमन पर आक्रमण करके तथा उसकी मूर्तियाँ तोड़कर व उसके मन्दिर बन्द करके अपने देश में घबराहट पैदा कर दी। वह “बड़ा भयानक समय हुआ होगा” प्राचीन शहर थीबस के स्थान पर लक्सर में स्थित यूनिवर्सिटी आफ शिकागो के निदेशक रे जानसन कहते हैं। “जिस परिवार ने शताब्दियों तक शासन किया था, वह अब समाप्त हो रहा था, तथा फिर अकहेन्टन थोड़ा सनकी बन गया था।”
अकहेन्टन की मृत्यु के बाद एक रहस्यमय शासक स्मैनखकरे थोड़े समय के लिए प्रकट हुआ व बिना कोई निशानी छोड़े ही लुप्त हो गया। तथा फिर बहुत छोटे टुटनखतेन ने गद्दी सम्भाली- व आज वह टुट के नाम से प्रसिद्ध है। उस बालक राजा ने अपना नाम शीघ्र बदलकर टुटानखामुन, ‘अमुन की जीवित मूर्ति’ रख लिया तथा पुराने ढंग की पुनः स्थापना का निरीक्षण किया। उसने लगभग नौ वर्ष शासन किया व फिर अचानक उसकी मृत्यु हो गई।

Discovering Tut The Saga Continues Class 11 Hindi Explanation – Para-7

Regardless………………………so long.

उसकी ख्याति तथा उसके भाग्य के विषय में अटकलों की ओर ध्यान दिए बिना, टुट मिस्र की कई ममियों में से एक है। कितनी? कोई नहीं जानता। मिस्र का ममी प्रोजेक्ट, जिसमें 2003 के अन्त में गणना शुरू की, अब तक लगभग 600 की गणना कर चुका है व गिनती अब भी निरन्तर है। अगला पदः नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी व सी०टी० मशीन का निर्माता सीमन्स द्वारा दान में दी गई। सुबाह्य सी०टी० मशीन द्वारा सभी का पूर्वावलोकन करना। राजा टुट की ममी सबसे पहले पूर्वावलोकन होने वाली ममियों में से एक थी। अपने जीवन की तरह मृत्यु में भी वह अपने देशवासियों से राजसी ढंग से आगे बढ़ा।
एक सी०टी० मशीन ने सभी के सिर से पंजे तक पूर्वावलोकन किया व एक्स-रे के क्रास भाग में 1700 डिजिटल चित्र बनाए। टूट के सिर का अवलोकन 0.62 मिलिमीटर के टुकड़ों में किया ताकि उसकी जटिल रचना को बड़ा किया जा सके। व परिणामस्वरूप चित्र में उसका अलौकिक विवरण था। टूट के पूरे शरीर का इस प्रकार चित्र तैयार करने के बाद, रेडियोलॉजी फोरेन्सिक व शरीर रचना के विशेषज्ञों के एक दल ने उन रहस्यो की जांच पड़ताल करनी शुरू की जिसकी रक्षा सुनहरे मकबरे की पंखों वाली देवियाँ अभी तक कर रही थीं।

Discovering Tut The Saga Continues Class 11 Hindi Explanation – Para-8

The night………………………long ago.

स्कैन वाली रात श्रमिक टूट को एक सन्दूक में मकबरे से उठा कर लाए। वे अर्थी उठाने वालों को तरह एक ढ़लान पर व फिर सीढ़ियां चढ़कर बाहर भवरों में उड़ते हुए रेत में आए, फिर एक हाइड्रॉलिक लिफ्ट के द्वारा उस ट्रेलर में गए जिसमें स्कैनर रखा हुआ था। बीस मिनट पश्चात् दो आदमी बाहर आए, व दौड़कर पास के कार्यालय में गए, व दो प्लास्टिक के पंखे लेकर वापस आए। दस मिलियन डॉलर वाला स्कैनर बन्द हो गया था क्योंकि उसे ठंडा करने वाले पत्रो में रेत भर गया था “फेरो का शाप” एक रक्षक ने घबराते हुए मजाक किया।
अन्त में बदले में कार्य करने वाले पंखों ने काम पूरा होने तक सही कार्य किया। यह जाँचने के बाद कि कोई सूचना गुम नहीं हुई थी शिल्पियों ने टुट को श्रमिकों को सौंप दिया, व वे उसे वापस मकबरे मे ले गए। अपने ताबूत से बाहर ले जाए जाने के तीन घण्टे बाद फेरो उसी स्थान पर आराम करने लगा जहाँ दफन करने वाले पुजारियों ने उसे बहुत पहले लेटाया था।

Discovering Tut The Saga Continues Class 11 Hindi Explanation – Para-9

Back in………………………boy king.

ट्रेलर में वापस आकर एक शिल्पी ने कम्प्यूटर की स्क्रीन पर टूट के कई आश्चर्यजनक चित्र लिए। पिक्सल बिखरने से एक धौला-सा सिर प्रकट हुआ व शिल्पी ने उसे प्रत्येक दिशा में घुमाया तथा टेढ़ा किया। गर्दन कशेरुका शरीर रचना वर्ग में स्पष्ट रूप से दिखाई दी। अन्य चित्रों में हाथ व पसली पिंजर तथा खोपड़ी का अनुप्रस्थ प्रकट हुए। लेकिन अब तनाव समाप्त हो गया था। वापस अपनी कुर्सी पर बैठकर जही हवास मुस्कराया, दिखाई देता था कि अब उसे चैन पड़ी थी क्योंकि कोई गम्भीर गड़बड़ नहीं हुई थी। “मैं पिछली रात एक सेकेण्ड भी सो नहीं सका था,” उसने कहा, “मुझे चिन्ता थी। लेकिन अब लगता है कि मैं जाकर सो सकता हूँ।”
जब हम ट्रेलर से धातु की सीढ़ियों से उतर कर रेतीले मैदान में आए, हवा बन्द हो गई थी। तथा मृतकों की वादी में सर्दी की हवा ठंडी और शान्त थी, मृत्यु के समान दुट के मकबरे के प्रवेश द्वार पर तारामण्डल ओरियन खड़ा था जिसे प्राचीन मिस्रवासी ओसिरिस की आत्मा मानते थे— ओसिरिस जो अगले जीवन का देवता है, वह बालक राजा पर निगरानी रखे हुए था।

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation – Para-3

The first………………………hang on.

घोर सन्निकट विपत्ति का संकेत अनिष्ट सूचक स्तब्धता के साथ लगभग छः बजे आया। हवा रुक गई, तथा आकाश बिल्कुल काला हो गया। फिर बढ़ता हुआ शोर सुनाई पड़ा, तथा एक विशाल बादल नाव के पीछे मीनार की तरह खड़ा हो गया। मैं यह जानकर डर गया कि यह बादल नहीं था, बल्कि लहर थी। ऐसी जैसी मैंने पहले कभी नहीं देखी थी। वह पूरी लम्बवत् थी, तथा दूसरी लहरों की अपेक्षा दुगुनी बड़ी थी तथा उसकी भयावह चोटी टकराने को तैयार थी।
गरज बढ़कर गड़गड़ाहट बन गई तथा नाव का पिछला भाग लहर की ओर उठ गया तथा एक पल के लिए मैंने सोचा कि नाव लहर के ऊपर चढ़ जाएगी। लेकिन उसी समय भयंकर धमाके से नाव का डेक हिल गया। हरे-सफेद पानी की प्रचण्ड धारा नाव पर टूट पड़ी, मेरा सिर पहिए से टकरा गया तथा मुझे एहसास था कि मैं नाव पर से उड़कर धारा में दूब रहा था। मैंने अपनी आती हुई मृत्यु को स्वीकार कर लिया था तथा जब मैं बेहोश हो रहा था तो मैं पूरे तरीके से शान्त था।
मेरा सिर अचानक पानी से बाहर निकला। वेववाकर कुछ मीटर पर लगभग उलट सी गई थी, उसके मस्तूल क्षैतिज हो गए थे। फिर एक लहर ने उसे धकेल कर सीधा कर दिया। मेरी जीवन रक्षा तार झटके से कस गई थी। मैंने गार्ड रेल्स को पकड़ लिया तथा हवा में से तैरकर वेववाकर की मुख्य लम्बी कड़ी में गया। उसके बाद लहरों ने डेक पर कपड़े की गुड़िया की तरह इधर-उधर पटका। मेरी बाई पसलियाँ चटक गई। मेरा मुँह खून तथा टूटे दांतो से भर गया। जैसे-तैसे मैंने पहिया ढूंढा, नाव का स्टर्न अगली लहर के लिए सीधा किया तथा पहिए को पकड़े रखा।

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation – Para-4

Water,………………………heads.

हर जगह पानी ही पानी था। मुझे लग रहा था कि नाव में नीचे पानी था लेकिन मैं सन्तुलन चक्र छोड़ कर जाने का साहस नहीं कर सकता था। फल्का अचानक खुल गया, तथा मैरी प्रकट हुई। “हम डूब रहे हैं।” वह चिल्लाई, “डेक टूट-फूट गए हैं। हमारी नाव पानी से भरी हुई है।”
लैरी तथा हर्ब पागलों की तरह पम्प से पानी बाहर निकाल रहे थे। टूटे हुए शहतीर टेढ़े-मेढ़े लटके हुए थे। तथा नाव दाईं तरफ से अन्दर की ओर उभरी हुई थी। कपड़े, क्राकरी, नक्शे, डिब्बे तथा खिलौने गहरे पानी में उछल रहे थे।
कुछ तैर कर, कुछ रेंग कर; मैं बच्चों के केबिन में पहुंचा। “तुम ठीक हो?” मैंने पूछा “हाँ” उन्होंने ऊपर को बर्थ से उत्तर दिया। “लेकिन मेरा सिर दुखता है”, आंखों के ऊपर एक बड़े गुमट की ओर संकेत करते हुए स्यू ने कहा। मेरे पास टक्कर खाये सिरों के विषय मे चिन्ता करने का समय नहीं था।

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation – Para-5

After………………………main anchor.

हथौड़ा, पंच तथा कैनवास लेकर मैं बहुत कठिनाई से डेक पर वापस गया। नाव दाईं तरफ से टूट कर खुलने के कारण प्रत्येक लहर के टकराने से पानी अन्दर आ रहा था। यदि मैंने मरम्मत न की, तो हम निश्चय ही डूबेंगे।
मैने किसी-न-किसी तरह खुले सुराखो पर कैनवास खींच कर जड़ दी और दरवाजों को जलरोधक कवर से पक्का कर दिया। थोड़ा पानी फिर भी नीचे से बहकर आता रहा, लेकिन अधिकतर पानी साइड पर से मुड़कर बहने लगा।
जब केबिन के आस-पास तैरते हुए कचरे से हैड पम्प रुँधने लगा तथा बिजली का पम्प शार्ट सर्किट हो गया, तो और समस्याएं खड़ी हो गई। पानी का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ने लगा। मैंने डेक पर वापस आकर देखा कि हमारे दो अतिरिक्त पम्प झटके से टूटकर नाव से अलग गिर गए हैं तथा साथ ही आग वाला पाल, तिकोना पाल, डींघिया तथा प्रमुख लंगर भी।

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation – Para-6

Then I………………………us all.”

तब मुझे याद आया कि हमारे पास चार्टरूम के फर्श पर एक बिजली का पम्प और है। मैंने उसे एक निकास पाइप से जोड़ा, तथा धन्यवाद किया कि वह चल पड़ा।
रात ठंड में लगातार पम्प से पानी निकालने, नाव का परिचालन करने, रेडियो चलाने में धीरे-धीरे बीत गई। हमे अपने डेरिडिओ से भेजे संदेशों का कोई उत्तर नहीं मिल रहा था। लेकिन इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं थी क्योंकि हम विश्व के सुदूर कोने में थे।
स्यू का सिर खतरनाक तरीके से सूज चुका था। उसकी आँखें भी सूजी हुई थी और उसने अपनी बाजू पर गहरा घाव दिखाया। जब मैंने पूछा कि उसने अपनी चोटों की ओर और पहले ध्यान क्यों नहीं दिया तो उसने उत्तर दिया, “जब आप हम सब को बचाने की कोशिश कर रहे थे तो मैं आपको चिन्तित करना नही चाहती थी।”

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation – Para-7

By morning………………………two days.

3 जनवरी की सुबह तक पम्पों में पानी का स्तर इतना नियन्त्रित हो गया था कि हम बारी-बारी से दो घण्टे आराम कर सकते थे। लेकिन फिर भी जल रेखा में नीचे कहीं कोई बड़ा छेद था, और जाँच करने पर मैंने देखा कि नाव का प्रमुख कैची ढांचा टूटकर नौटल पर गिर गया था। वास्तव में दाईं ओर का एक पूरा भाग अतिरिक्त अलमारियों के खानों के और किसी चीज पर टिका न था।
लहर के टकराने के 15 घण्टे बाद तक तो हम बचे रहे लेकिन वेववाकर आस्ट्रेलिया पहुँचने तक साबुत नहीं बच सकती थी। मैंने चार्ट का निरीक्षण किया और गणना की कि पूर्व की ओर कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर दो छोटे-छोटे द्वीप हैं। उनमें से एक आइल एमस्टर्डम फ्रांस का वैज्ञानिक केन्द्र था। हमारा बचाव विशाल सागर में इन दो सुई के छेदों जैसे द्वीपों पर पहुंचने पर ही हो सकता था। लेकिन हवा तथा सागर के शान्त होने तक हम अपने पाल नहीं खोल सकते थे तथा हमारी बचने की आशा बहुत कम थी। उस विशाल लहर ने हमारा सहायक इंजन क्रियाहीन कर दिया था।
4 जनवरी को 36 घण्टे के निरन्तर पम्प करने के बाद पानी का स्तर केवल कुछ सेटीमीटर रह गया था। अब हमें केवल उतना ही पानी निकालना जारी रखना था जितना छेद से अन्दर आ रहा था। हम मुख्य मस्तूल पर पाल नहीं लगा सकते थे। ऐसा करने पर साज-सामान पर इतना दबाव पड़ता कि वह पेटे के क्षतिग्रस्त आग के टुकड़े कर देता। इसलिए हमने तूफानी तिकोना पाल फहराया तथा उस ओर चल दिए जहाँ मेरे विचार में वे दो द्वीप थे। मैरी नमकीन माँस तथा करारे बिस्कुट लाई थी तथा हमने लगभग दो दिन बाद पहला भोजन किया था।

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation – Para-8

But our………………………of paraffin.

परन्तु विश्राम अधिक देर तक नहीं मिला। चार बजे काले बादल हमारे पीछे बनने शुरू हो गए। घंटे भर में हवा फिर 40 समुद्री मील की गति से चलने लगी तथा समुद्र में लहरे ऊंची होने लगी। पूरी रात मौसम बिगड़ता गया तथा 5 जनवरी की सुबह हमारी स्थिति फिर से निराशाजनक हो गई।
जब मैं बच्चों को दिलासा देने के लिए अन्दर गया, जॉन ने पूछा “डैडी, क्या हम मरने वाले है?” मैंने उसे विश्वास देने की कोशिश की कि हम बचने में सफल होंगे। “लेकिन डैडी” वह बोला, “हम मरने से नहीं डरते यदि हम सभी एक साथ मरे- आप, मम्मी, स्यू और मैं।”
उत्तर देने के लिए मेरे पास शब्द नहीं थे, लेकिन जो भी मेरे पास था उसके साथ समुद्र से सामना करने का संकल्प लेकर मैं बच्चों के पास से आया। दाई कमजोर वाली तरफ को मैंने बिना क्षतिग्रस्त बाई तरफ जिस ओर में लहरे आ रही थी उसे बांधने का निश्चय किया तथा इसके लिए भारी नाइलॉन की रस्सियों तथा 22 लीटर वाले मिट्टी के तेल के प्लास्टिक ढोल कामचलाऊ लंगर बनाने में प्रयोग किए।

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation – Para-9

That evening………………………had made.

उस सायंकाल, मैरी व मैं हाथ में हाथ डालकर बैठे थे तथा टूटे हुए तख्तों में से पानी अन्दर आ रहा था। हम दोनों को महसूस हुआ कि हमारा अन्त निकट था।
परन्तु वेववाकर लहरों तथा तूफान में से निकलने में सफल रही तथा 6 जनवरी को हवा धीमी होने पर मैंने सेक्सटेन्ट पर देखने का प्रयास किया। मैने चार्टरूम में वापस आकर हवाओं की गति, मार्ग में परिवर्तन, बहाव तथा धाराओं आदि का हिसाब लगाया ताकि अपनी स्थिति का पता लगा सकूं। मैं अधिक-से-अधिक यह पता लगा सका कि हम 150,000 किलोमीटर के सागर में कहीं पर है तथा 65 किमी द्वीप की खोज कर रहे हैं।
जब मैं बैठा हुआ सोच रहा था, स्यू दर्द सहन करते हुए चलकर मेरे पास आई। उसका सिर बाई ओर से बहुत सूज गया था तथा उसकी काली आँखे छोटी होकर केवल रेखा छिद्र बन गई थी। उसने मुझे एक कार्ड दिया जो उसने बनाया था।

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation – Para-10

On the………………………about 5 p.m.

कार्ड पर उसने मैरी तथा मेरा व्यंगचित्र बना रखा था तथा ये शब्द लिखे थे, “ये बहुत विचित्र लोग हैं। क्या आपको देखकर हंसी आई? मैं तो बहुत हंसी।” अन्दर संदेश था, “ओह, मैं आप दोनों को कितना प्यार करती हूँ। यह कार्ड आपको धन्यवाद देने के लिए है। तथा हमें सब कुछ ठीक होने की आशा करनी चाहिए।” हमें किसी तरह सफल तो होना ही था।
मैने अपनी गणनाओं को जाँचा तथा पुनः जाँचा। हम अपनी मुख्य कम्पास खो चुके थे। मैं एक अतिरिक्त वाली प्रयोग कर रहा था जिसे चुम्बकीय परिवर्तनों के लिए ठीक नहीं किया था। मैंने इसके लिए गुंजाइश रखी तथा हिन्द महासागर के इस भाग में चलने वाली पश्चिमी हवाओं के प्रभाव का आंकलन करने के लिए।
सायंकाल, लगभग 2 बजे मैं डेक पर गया तथा लैरी को नाव का परिचालन 180 डिग्री के मार्ग पर करने के लिए कहा, जो मुझे अनुभव नहीं हो रहा था कि वह 5 बजे सायं तक द्वीप पर पहुंचने की आशा कर सकता है।

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation – Para-11

Then with………………………a battleship.”

फिर उदासी के साथ मैं नीचे आकर बंक में चढ़ गया तथा आश्चर्य की बात यह है कि मुझे नींद आ गई। जब मैं जागा तो सायं के 6 बजे थे और अन्धेरा हो रहा था। मैं जान गया कि द्वीप पीछे रह गया है तथा पाल हमारे पास रह गया था उससे हम पश्चिमी हवाओं के विरुद्ध आगे नहीं बढ़ सकते थे।
उस पल मेरे बंक के पास अस्त-व्यस्त बालों वाला सिर दिखाई दिया। “क्या मैं गले लग सकता हूँ?” जोनाथन ने पूछा। स्यू भी ठीक उसके पीछे थी।
“अब मुझे गले क्यों मिल रहे हो?” मैंने पूछा।
“क्योंकि आप पूरे विश्व में सर्वोत्तम डैडी हैं तथा सर्वोत्तम कैप्टेन भी,” मेरे बेटे ने उत्तर दिया।
“मुझे डर लगता है आज तो नहीं।”
“क्यों नहीं, आप हो,” स्यू ने सत्य सच्चे मन से कहा।
“आपने द्वीप खोज लिया है।” “क्या!” मैं चिल्लाया।
“वह हमारे सामने है,” वे दोनों एक साथ बोले “इतना बड़ा जितना कि युद्धपोत”।

We are not Afraid to Die Class 11 Hindi Explanation – Para-12

I rushed………………………to die.

मैं डेक पर दौड़ा तथा आइल एमस्टर्डम नंगी बहिरेखा को देखकर चैन की सांस ली। यह ज्वालामुखी उजाड़ पत्थर का टुकड़ा था, जिस पर वनस्पति केवल नाम मात्र की थी परन्तु यह विश्व का सबसे सुन्दर द्वीप था।
हमने पूरी रात तट से परे लंगर डाले रखा। तथा अगले दिन सुबह द्वीप के सभी 28 वासियों ने हमारा साहस बढ़ाया तथा हमें तट पर ले गए।
फिर से भूमि पर खड़े होने के बाद मैं सोचने लगा लैरी तथा हर्बी के बारे में जो अति भयकर समय में भी प्रसन्न और आशावादी रहे थे, मैरी के बारे में जो संकट के समय चालन पहिए पर बैठी रही थी, और उन सबसे अधिक मेरे मन में उस 8 वर्षीय लड़कों के विषय में विचार आया जो हमें अपने सिर की चोट के बारे में परेशान करना नहीं चाहती थी। (बाद में चमड़ी तथा खोपड़ी के बीच बार-बार होने वाले खून के थक्के को निकालने के लिए छ: लघु ऑपरेशन करने पड़े।) और उस 6 वर्ष के लड़के के विषय में जो मरने से नहीं डरता था।

Hindi Explanation of ‘The Portrait of a Lady’

Hindi Explanation of ‘The Portrait of a Lady’

1. My grandmother ……….. used to tell us.

मेरी दादी भी हर किसी की दादी की तरह, एक बूढ़ी महिला थी। 20 वर्ष में जब से मैंने उन्हें देखा था वह बूढ़ी तथा झुर्रियों से भरी हुई थी। लोग कहते थे कि वह कभी युवती तथा सुंदर थी तथा उनका पति भी था, लेकिन इस पर विश्वास करना मुश्किल था। मेरे दादा का चित्र अंगीठी के ऊपर बैठक में लटका हुआ था। उन्होंने पगड़ी बांधी हुई थी तथा ढीले कपड़े पहने हुए थे। उनकी सफेद लंबी दाढ़ी से उनकी छाती का अधिकतर भाग ढका हुआ था तथा वे कम से कम 100 वर्ष के दिखाई देते थे। वे ऐसे नहीं लगते थे जिनकी पत्नी तथा बच्चे हो। वे तो ऐसे लगते थे जिनके केवल बहुत से पोते, पोतिया हो। जहां तक मेरी दादी के जवान तरह सुंदर होने की बात है, वह घृणात्मक विचार की थी। वे हमें बताती थी कि बचपन में वे क्या खेल खेलती थी। उनके लिए ऐसा करना मूर्खता व अपमानजनक प्रतीत होता था तथा हम उन्हें ऐसा ही मानते थे जैसा वे हमें धर्म गुरुओं के विषय में कथाएं सुनाती थी।

2. She had always ………….. contentment.

वे सदैव छोटी, मोटी तथा थोड़ी सी झुकी हुई थी। उनके चेहरे पर झुर्रियां पड़ी हुई थी जो एक दूसरे को काटती हुई कहीं से कहीं जाती थी। हम विश्वास करते थे कि हमने जब से उन्हें देखा है वह सदैव से ऐसी ही थी। वह बूढ़ी थी, वह इतनी बूढी़ थी कि और बूढ़ी नहीं हो सकती थी, तथा 20 वर्ष से उसी उम्र पर रूक गयी थी। वह कभी सुंदर नहीं हो सकी होंगी, लेकिन वह सुंदर थी। वे घर में बेदाग सफेद कपड़े पहनकर लंगड़ा कर चलती थी, अपने कूबड़ का संतुलन बनाए रखने के लिए अपना एक हाथ कमर पर रखती थी व दूसरे हाथ से माला फेरा करती थी। उनके चांदी जैसे बाल, उनके पीले, झुर्रियों वाले चेहरे पर बेढंग तरीके से फैले रहते थे, व उनके होंठ निरंतर चुपचाप प्रार्थना करने में हिलते रहते थे। हां वे सुंदर थी। वे शीतकाल में पहाड़ी भू दृश्य सी थी, स्वच्छ श्वेत शांत फैला हुआ क्षेत्र जहां शांति तथा संतोष का वातावरण था।

3. My grandmother …………. village dogs.

मेरी दादी और मैं अच्छे मित्र थे। जब मेरे माता-पिता शहर में रहने के लिए चले गए तो वह मुझे उनके पास छोड़ गए, तथा हम सदैव साथ रहते थे। वे मुझे सवेरे उठाती थी तथा स्कूल के लिए तैयार करती थी। जब वे मुझे स्नान कराती थी तथा कपड़े पहनाती थी तो अपनी प्रार्थना नीरस तरीके से गाया करती थी। इस आशा के साथ की सुनकर मुझे भी याद हो जाएगी। मैं सुनता तो इसीलिए था कि मुझे उनका स्वर अच्छा लगता था, लेकिन मैंने याद करने की चिंता नहीं की। फिर वे मेरी लकड़ी की तख्ती जिसे उन्होंने पहले ही मुल्तानी मिट्टी से पोता हुआ था, एक छोटी सी मिट्टी के दवात तथा सरकंडे की कलम लाती थी, तथा उन्हें बस्ते में बांधकर मुझे पकड़ा दिया करती थी। फिर हम एक मक्खन तथा शक्कर लगी हुई मोटी, बासी रोटी का नाश्ता करके स्कूल जाते थे। वे अपने साथ गांव के कुत्तों के लिए अनेक चपातियां ले जाती थी।

4. My grandmother always ………… threw to them.

मेरी दादी सदैव मेरे साथ स्कूल जाती थी क्योंकि स्कूल मंदिर के साथ ही था। पुजारी हमें वर्णमाला तथा प्रातः कालीन प्रार्थना सिखाते थे। जब बच्चे बरामदे में दोनों ओर बैठे मिलकर वर्णमाला तथा प्रार्थना गाते थे, मेरी दादी अंदर बैठकर धार्मिक पुस्तकों का पाठ करती थी। जब हम दोनों अपना काम पूरा कर चुके होते थे, तो हम दोनों घर की ओर चल देते थे। गांव के कुत्ते हमें मंदिर के द्वार पर मिलते थे। हम जिन चपातीयों को उनके पास डालते थे वे उनके लिए लड़ते हुए गुर्राते हुए हमारे पीछे पीछे आते थे।

5. When my parents ………. our city house.

जब मेरे माता-पिता आराम से शहर में बस गए तो उन्होंने हमें बुला लिया। हमारी मित्रता में यहां एक मोड़ आया। यद्यपि हम एक ही कमरे में रहते थे, फिर भी मेरी दादी मेरे साथ स्कूल नहीं जाती थी। मैं बस द्वारा अंग्रेजी स्कूल में जाता था। गली में कुत्ते नहीं थे तथा उन्होंने घर के आंगन में चिड़ियों को खिलाना शुरू कर दिया था।

6. As the years ………………. me after that.

ज्यों ज्यों साल बीतते गए हम एक दूसरे से कम मिलते थे। वे कुछ समय तक तो मुझे जगाती रही तथा स्कूल के लिए तैयार करती रही। जब मैं वापस आता तो वह मुझसे पूछती थी कि अध्यापक ने मुझे क्या पढ़ाया है। मैं उन्हें अंग्रेजी के शब्द तथा पश्चिमी विज्ञान – ज्ञान के बारे में – गुरुत्व का नियम, आर्कमिडीज का सिद्धांत तथा पृथ्वी के गोल होने की बातें बताता था। इससे वे दुखी हो जाती थी। वे मेरे पाठों में सहायता नहीं कर सकते थी। मुझे अंग्रेजी स्कूल में जो बातें वे पढ़ाते थे वह उन पर विश्वास नहीं करती थी। तथा वह इस बात पर दुखी होती थी कि ईश्वर तथा धार्मिक ग्रंथों के विषय में कुछ नहीं बताया जाता था। एक दिन मैंने आकर बताया कि हमें संगीत सिखाया जा रहा है। वे बहुत परेशान हो गई उनके अनुसार संगीत का संबंध अशोभनीय चीजों से है। यह भिखारियों तथा वेश्याओं का एकाधिकार है तथा भले लोगों से इसका कोई मतलब नहीं है। वह बोली तो कुछ नहीं लेकिन उनके चुप रहने का अर्थ नाराजगी था। उसके बाद भी मुझसे कभी कभी बोलती थी।

7. When I went ……………. day for her.

जब मैं विश्वविद्यालय में गया, तुम मुझे अलग से कमरा मिला। हमारी सांझी कड़ी टूट गई थी। मेरी दादी ने अपना एकांतवास शांत भाव से स्वीकार किया। वे किसी से बात करने के लिए चरखा नहीं छोड़ती थी।सूर्योदय से सूर्यास्त तक चरखे पर बैठी हुई भजन गाती थी। वह थोड़ा आराम करने के लिए तीसरे पहर चिड़ियों को दाना डालने के लिए चरखे से उठती थी। जब वे बरामदे में बैठकर रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े करती थी तो सैकड़ों छोटी छोटी चिड़िया उनके चारों ओर इकट्ठा हो जाती थी तथा ची-ची करके पागल बना देती थी। कुछ आकर उनकी टांगों पर, दूसरी कुछ उनके कंधों पर बैठ जाती थी। कुछ उनके सिर पर भी बैठ जाती थी। वह मुस्कुराती रहती थी लेकिन उन्हें कभी भी भगाती नहीं थी। यह आधा घंटा उनके लिए पूरे दिन में सबसे अधिक खुशी का समय होता था।

8. When I decided ………… between us.

जब मैंने आगे पढ़ाई के लिए विदेश जाने का निश्चय किया, मुझे विश्वास था कि मेरी दादी बेचैन हो जाएंगी। मुझे पांच वर्ष दूर रहना था तथा कोई भी उनकी आयु के बारे में विश्वास के साथ कुछ नहीं कह सकता था। लेकिन मेरी दादी को तो विश्वास था। वे भावुक भी नहीं हुई, वे मुझे रेलवे स्टेशन पर छोड़ने आई लेकिन न वह बोली और न ही कोई भावना दिखाई। उनके होंठ प्रार्थना करते हुए हिलते रहे उनका मस्तिष्क प्रार्थना में खोया हुआ था उनकी उंगलियां अपनी माला फेरने में व्यस्त थी। उन्होंने चुपचाप मेरा माथा चूमा तथा जब मैं चला तो मैंने उस गीली छाप को अपने शारीरिक संपर्क की अंतिम मूल्यवान निशानी समझ कर उसे अपने मन में संभाले रखा।

9. But that was …………….. frivolous rebukes.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं 5 वर्ष बाद घर वापस आया तथा उन्हें स्टेशन पर मिला। वह 1 दिन भी अधिक बूढ़ी नहीं लगती थी। अब भी शब्दों के लिए उनके पास समय नहीं था। उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया तथा मैंने उन्हें प्रार्थना गाते हुए सुना। मेरे वापस आने के पहले दिन भी उनका सबसे अधिक खुशी का समय चिड़ियों के साथ बिता। जिन्हें वे पहले से अधिक देर तक खिलाती रही तथा हंसी से फटकारती रहीं।

10. In the evening …………….. not pray.

शाम के समय उनमें परिवर्तन हुआ। उन्होंने प्रार्थना नहीं की। उन्होंने पड़ोस की महिलाओं को इकट्ठा किया तथा एक पुरानी ढोलक लेकर गाना शुरू किया। वे कई घंटों तक उस ढीली ढाली ढोलक को बजाती रहीं तथा वीरों के घर वापस आने के गीत गाती रही। हमें उन्हें अधिक जोर नहीं मारने के लिए राजी करना पड़ा। यह पहला अवसर था जब से मैंने उन्हें देखा कि उन्होंने प्रार्थना नहीं की थी।

11. The next morning …………… talking to us.

अगली प्रातः में बीमार हो गई। बुखार हल्का था तथा डॉक्टर ने हमें बताया कि उतर जाएगा। लेकिन मेरी दादी का विचार भिन्न था। उन्होंने हमें बताया कि उनका अंत निकट है। उन्होंने कहा कि चूंकि वे अपने अंतिम समय के कुछ घंटे प्रार्थना करना भूल गई थी; उनके पास हमसे बातों में समय नष्ट करने की फुर्सत नहीं थी।

12. We protested ……………….. she was dead.

हमने विरोध किया। लेकिन उन्होंने हमारे विरोध पर ध्यान नहीं दिया। वे शांतिपूर्वक बिस्तर पर लेटी हुए प्रार्थना कर रही थी तथा माला फेर रही थी।इससे पहले कि हम संदेह करते उनके होंठ हिलने बंद हो गए तथा माला उनकी निर्जीव उंगलियों से गिर गई। उनके चेहरे पर शांत पीलापन फैल गया तथा हम जान गए कि वे मर चुकी थी।

13. We lifted her ………….. into the dustbin.

हमने रीति रिवाज के अनुसार उन्हें बिस्तर से उठाकर फर्श पर लिटा दिया तथा उन पर लाल कफन उड़ा दिया। कुछ घंटे दुख मनाने के बाद हम उन्हें छोड़कर अर्थी की व्यवस्था करने चले गए। सायंकाल हम दाह संस्कार के लिए अर्थी लेकर उनके कमरे में गए। सूर्य छिप रहा था तथा उनके कमरे और बरामदे में सुनहरी रोशनी की चमक फैली हुई थी। हम आंगन के बीच में ही रुके। पूरे बरामदे में तथा उनके कमरे में जहां वे कफ़न में लिपटी पड़ी हुई थी। हजारों चिड़िया बिखरी हुई बैठी थी। चीं – चीं नहीं कर रही थी। हमें पक्षियों पर दया आई तथा मेरी मां उनके लिए कुछ रोटी लेकर आई। उन्होंने जैसे मेरी दादी किया करती थी रोटी के टुकड़े टुकड़े करके उनके पास फेकी। चिड़ियों ने रोटी की ओर ध्यान नहीं दिया। जब हम अपनी दादी के मृत शरीर को लेकर चले, वे चुपचाप उड़ गई। अगले दिन सफाई वालों ने रोटी के टुकड़े झाड़ू से इकट्ठा करके कूड़ेदान में डाल दिए।

Friday, January 27, 2023

मधुमक्खी से जुड़े रोचक तथ्य

 मधुमक्खी से जुड़े रोचक तथ्य



1. एक मधुमक्खी 1 pound शहद बनाने के लिए लगभग 20,00,000(20 लाख) फूलों का उपयोग करती है।

 

2. कई खोजो से पता चला है कि मच्छर उन लोगों की तरफ ज्यादा आर्कषित होते है जिन्होंने अभी-अभी केले खाए होते हैं।

 

3. चीटींयां अपने वजन से 30 गुना ज्यादा दबाब लगा सकती हैं और 50 गुना ज्यादा वजन उठा सकती हैं।

 

4. ग्रामीण इलाकों के एक वर्ग मील के क्षेत्र में जितने कीड़े पाए जाते हैं उनकी गिणती धरती पर मौजुद सभी मनुष्यों से ज्यादा है।

 

5. अमरीका में सापों, मकड़ीयों और बिच्छुओ से ज्यादा, लोग धमुड़ीयों(Wasps) द्वारा मारे जाते हैं।

 

6. गिरगिट एक ही समय में अपनी दोनो आँखों को अलग-अलग दिशायों में घुमा सकते हैं।

 

7. एक गिरगिट की जीभ उसके शरीर की कुल लंम्बाई से दुगनी लम्बी होती है।

 

8. एक मेढ़क बिना अपनी आँखे बंद किए कोई भी चीज निगल नही सकता।

  मधुमक्खी से जुड़े रोचक तथ्य



9. मेढ़क पानी नही पी सकते। वह अपनी चमड़ी के द्वारा ही पानी लेते है।

 

10. पतंगे का खून सफेद रंग का होता है।

 

11. तितलीयों की लगभग 1,00,000 प्रतजातीया है।

 

12. एक Dragonfly(एक प्रकार की बड़ी मक्खी ) का जीवन काल बस 24 घंटों तक का होता है।

 

13. एक बंबर मक्खी 1 सैकेड में 160 बार अपना पंख हिला सकती है।

 

14. संसार की 80 प्रतीशत खाद्य फसलों के पराग कण कीड़ो द्वारा झाड़े जाते है।

 

15. पिस्सु अपनी चाल अंतरिक्ष यानो से 50 गुना ज्यादा तेजी से बढ़ा सकते है।

 

16. मधु-मक्खियों की 20,000 प्रजातीयों में से केवल 4 प्रजातीया ही शहद बनाने का काम करती है।

  मधुमक्खी से जुड़े रोचक तथ्य



17. कुछ तितलियां चलने की बजाय अपने अगले पैरों का उपयोग अपनी आँखे साफ करने के लिए करती हैं।

 

18. हर साल कीड़े धरती की 33% खाद्य फसल खा जाते हैं।

 

19. हमारे बालों में जो जुंएँ रहती हैं उनका रंग वही होता है जो हमारे बालों का होता है।

 

20. दक्षिणी अमेरिका की Mydas मक्खी को दुनिया की सबसे बड़ी मक्खी माना जाता है।

 

21. Dragonflies की एक आँख में तकरीबन 30,000 लेंस होते हैं।

 

22. मच्छर खट्टे नेबुयों से दूर रहते हैं क्युकि इनसे उनके पैरों में जलन होने लगती है।

 

23. एक दीमकों के छत्ते की रानी हर रोज 6 से 7 हजार तक अंडे देती हैं और 15 से 50 साल तक जीती है।

  मधुमक्खी से जुड़े रोचक तथ्य



24. एक टिड्डी(झीगुर) सिर्फ लात मार के खून चूस सकती है।

 

25. चीटीयाँ कभी सोती नही।

 

26. मधुमक्खी के कान नहीं होते। इसकी कमी को उसके शक्तिशाली एंटिना स्पर्श से पूरा करते है।

 

27. बिच्छू की लगभग 2000 जातियाँ होती हैं जो न्यूजीलैंड अंटार्कटिक छोड़कर विश्व के सभी भागो में पाई जाती हैं।

 

28. अब तक कॉकरोच का सबसे पुराना मिला पथराट 28 करोड़ साल पुराना है।

 

29. घरेलु चीटिंयां सात साल तक और रानी चींटी 15 साल तक जी सकती है।

  मधुमक्खी से जुड़े रोचक तथ्य



30. आधा किलो शहद बनाने के लिए मधु-मक्खियों द्वारा तय की गई दूरी, धरती के दो बार चक्कर लगाने जितनी होती है।

 

31. अगर धरती पर मौजुद सभी कीड़ो को सारे मनुष्यों में बराबर-बराबर बाटां जाए, तो हर एक के हिस्से में 20 करोड़ से ज्यादा कीड़े आएगें।

 

32. Beetles(भृंग) 3,50,000 प्रजातीयां के साथ कीड़ों के सबसे बड़े मैंबर हैं।

 

33. Tabanus मक्खियों की एक प्रजाती है जिसकी उड़ने की रफ्तार 144 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है।

 

34. सबसे बड़ी चीटींयां ब्राजील में पाई जाती हैं। पर फिर भी इनकी लंम्बाई 6 मिलीमीटर ही होती है।

 

35. वैज्ञानिकों के पास धमुड़ियों, मधु-मक्खियों और चीटीयों की प्रजातीयों के लगभग 1,50,000 दस्तावेज हैं।

 

36. बहुत सारी Drogonflies नदियों के पास रहती है ताकि वह आसानी से मच्छरों और छोटी मक्खियों का शिकार कर सके।

 

37. मधु-मक्खियों के लारवे छत्ते के अंदर रहते है जो कि छह तरफ से मोम का बना होता है।

 

38. झीगुर तापमान ठंडा जा गर्म होने पर अलग-अलग तरह की आवाजे निकालते है। कुछ लोग इनकी आवाज को सुनकर तापमान के ठंडे जा गर्म होने का अंदाजा लगा लेते हैं।

 

39. शहद के छत्तों में केवल एक रानी मक्खी ही अंडे देती है।

  मधुमक्खी से जुड़े रोचक तथ्य



40. हर मच्छर के 47 दाँत होते हैं- मगर वह आपको अपने डंक से ही काटता है।

 

41. नर मधुमक्खी सिर्फ रानी मक्खी के साथ सहवास के इलावा अपने जीवन में और कुछ भी नही करता।

 

42. 1990 में तेजानिया(एक देश है) की लगभग 70% आबादी मलेरिये से प्रभावित हुई थी जो कि मच्छरों द्वारा फैलाया गया था।

 

43. Tape worms एक प्रकार के कीड़े होते हैं जिनकी लंम्बाई 004 इंच से 50 फुट तक हो सकती है।

 

44. हमलावर मधुमक्खीयों की एक कलोनी में लगभग 80,000 मधुमक्खियों होती है। जब इन्हें छेड़ा जाता है जा इन पर कोई आपत्ति आती है तो यह बड़े झुड़ों में इकट्ठी होकर हमला करने के लिए निकलती हैं।